इस 15 अगस्त को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र अपने 75वें स्वतंत्रता दिवस में प्रवेश कर रहा है। साल 1947 में इस दिन भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिल गई थी| उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू को भारत के पहले प्रधान मंत्री के रूप में चुना गया था, उन्हें मिलाकर हमारे देश ने कुल 15 प्रधान मंत्री देखे |
अपने पूर्व गौरव को वापस पाने में हमें लगभग 72 साल लग गए, और इस यात्रा में हर एक प्रधानमंत्री ने अलग अलग तरीके से अपना योगदान दिया |
GrabOn ने तय किया कि हम अपने महान राष्ट्र के मुखियों और कार्यकाल के दौरान उनकी उपलब्धियों की सूची करें | इस स्वतंत्रता दिवस, केवल राष्ट्र के नेताओं को ना जानें | पर जानें कि उन्होंने राष्ट्र के लिए क्या किया।
15 भारतीय प्रधान मंत्री की सूची और उनके ऐतिहासिक निर्णय जो हम कभी भूल नहीं सकते
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15. नरेंद्र मोदी
कार्यकाल: 26 मई 2014- वर्तमान
नरेंद्र मोदी के बारे में
‘मोदी लहर’ की सवारी करके सत्ता में आने वाले श्री नरेंद्र मोदी भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में से एक हैं | पीएम बनने से पहले, वे 2001 से 2014 तक गुजरात के मुख्यमंत्री थे।देश के 14वें प्रधान मंत्री होते हुए (गुलजारीलाल नंदा का कार्यकाल ‘कार्यवाहक पीएम’ के रूप में माना जाता है) नरेंद्र मोदी ने बड़े पैमाने पर आर्थिक सुधार की ओर काम किया | और तो और 2019 में एक यूके पत्रिका ने मोदी को दुनिया के सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में वोट दिया। उनके द्वारा लिए गए सभी बड़े फैसलों का हमने यहाँ संकलन किया है।
जन्म स्थान: वडनगर
योग्यता: राजनीति विज्ञान में B.A, स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग, दिल्ली विश्वविद्यालय
उनकी उपलब्धियों की सूची कुछ इस प्रकार है:
• देश को बदलने और डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए ‘डिजिटल इंडिया अभियान’
• ‘स्वच्छ भारत अभियान’ शुरू करके स्वास्थ्य नीतियों में सुधार
• लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ आंदोलन
• 10 स्टेट-बैंकों को विलय करके 4 बड़े बैंक बनाये
• 20 सितंबर, 2019 को ‘कॉर्पोरेट कर’ की दर को 30% से घटाकर 22% कर दिया
• COVID-19 महामारी के दौरान देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की
• लक्षित वर्गों को मुफ्त चिकित्सा प्रदान करने के लिए ‘आयुष्मान भारत’ की शुरुआत की
पेश है कुछ पथ-तोड़ बिल:
• ‘ट्रिपल तलाक बिल’ जो तत्काल ट्रिपल तालक को दंडनीय अपराध बनाता है
• ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को सशक्त बनाने के लिए ‘ट्रांसजेंडर वपर्सन्स (प्रोटेक्शन ऑफ़ राइट्स) एक्ट’
• आतंक के खिलाफ लड़ने के लिए ‘अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट’
• लगभग 14.5 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए ‘पीएम किसान योजना’
उनके कुछ साहसिक फैसलों में शामिल हैं:
• धार्मिक अत्याचार के कारण भारत में प्रवास करने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को नागरिकता देने के लिए ‘सिटीजनशिप (अमेंडमेंट) एक्ट 2019’ पारित किया
• 40 भारतीय जवानों के लिए घातक साबित हुए पुलवामा हमले का बदला लेने के लिए ‘बालाकोट एयर स्ट्राइक’ का ऐलान किया
14. डॉ. मनमोहन सिंह
कार्यकाल: 22 मई 2004 – 26 मई 2014
मनमोहन सिंह के बारे में
डॉ. मनमोहन सिंह को देश के सर्वश्रेष्ठ अर्थशास्त्रियों में से एक माना जाता है, साथ ही उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री का दर्जा भी दिया गया है | वे वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में भारत सरकार में शामिल हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री के सलाहकार, योजना आयोग के उपाध्यक्ष और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर जैसी विभिन्न भूमिकाएं भी निभाई | देश के प्रधान मंत्री के रूप में वे देश के कई बड़े परिवर्तनों के प्रभारी थे।
जन्म स्थान: गह, पाकिस्तान
योग्यता: अर्थशास्त्र में B.A एवं M.A
उनकी अद्भुत उपलब्धियों में शामिल हैं:
• आज़ादी के बाद से सबसे अधिक जीडीपी वृद्धि
• दुनिया की दूसरी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में मान्यता
• राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा का शुभारंभ
• ‘आरटीआई एक्ट’ का पारित होना
• राजनयिक संबंधों में सुधार
13. इंदर कुमार गुजराल
कार्यकाल: 21 अप्रैल 1997- 19 मार्च 1998
इंदर कुमार गुजराल के बारे में
‘गुजराल सिद्धांत’ को लागु करने के लिए प्रसिद्ध श्री आई.के गुजराल 10 महीने तक पद पर रहे। श्री आई.के गुजराल ने पीएम कार्यालय को संभालने से पहले विदेश मंत्री, जल संसाधन मंत्री और सूचना और प्रसारण मंत्री सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। गुजराल भी भारत के स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा थे और ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में भाग लेने के कारण जेल गए थे।
जन्म स्थान: झेलम, पाकिस्तान
योग्यता: वाणिज्य में B.A, पंजाब विश्वविद्यालय
12. हरदनहल्ली डोडेगौडा देवगौडा
कार्यकाल: 1 जून 1996- 21 अप्रैल 1997
एच. डी. देवगौडा के बारे में
‘यूनाइटेड फ्रंट गवर्नमेंट’ के प्रमुख श्री गौड़ा ने 10 महीने के लिए प्रधानमंत्री पद पर सेवा की | इन 10 महीनों के कार्यकाल में वे ‘यूनाइटेड फ्रंट’ की संचालन समिति के अध्यक्ष भी थे। यह सर्वोच्च निकाय था जो सत्ताधारी मोर्चे के सभी घटक दलों का प्रभारी था। कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई मुद्दों से निपटकर सरकार का सफलतापूर्वक नेतृत्व किया।
जन्म स्थान: हरदानहल्ली, कर्नाटक
योग्यता: सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा, एल. वी. पॉलिटेक्निक
11. अटल बिहारी वाजपेयी
कार्यकाल: 16 मई 1996- 1 जून 1996; 19 मार्च 1998- 10 अक्टूबर 1999; 10 अक्टूबर 1999- 22 मई 2004
अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में
भारत के सबसे मान्यता-प्राप्त राजनेताओं में से एक, श्री वाजपेयी पूर्ण कार्यकाल के लिए पद संभालने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे। वे भारतीय जनता पार्टी के सह-संस्थापक और पहले राष्ट्रपति भी थे। पीएम के रूप में उनके कार्यकाल में भारत ने एक नए युग में प्रवेश किया और कई बदलाव देखे। उनकी सरकार ने देश में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ाने के प्रयास किए और भारत को एक ‘सॉफ्टवेयर सुपर पावर’ बनाया।
जन्म स्थान: ग्वालियर
योग्यता: हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में B.A और राजनीति विज्ञान में M.A
उनकी अन्य प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं:
• प्राइवेट सेक्टर और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया
• ‘राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना’ लागू किया
• ‘सर्वशिक्षा अभियान’ को लागू किया
• भारत ने पोखरण II परमाणु परीक्षण किया
10. पी वी नरसिम्हा राव
कार्यकाल: 21 जून 1991-16 मई 1996
पी.वी. नरसिम्हा राव के बारे में
भारतीय आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में संदर्भित, नरसिम्हा राव भारत के विकास और वैश्वीकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। भारत के पीएम बनने से पहले वे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश के मंत्रिमंडल के विभिन्न विभागों में काम किया और वे राज्य में बड़े सुधारों के लिए जिम्मेदार थे। उनके प्रधानमंत्रित्व काल में, भारत के आर्थिक मॉडल में बदलाव आया; एक मिश्रित अर्थव्यवस्था से बाजार अर्थव्यवस्था में ।
जन्म स्थान: लकनेपल्ली, तेलंगाना
योग्यता: कानून में M.A, हिस्लॉप कॉलेज
उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियां थीं:
• भारत के 1991 आर्थिक संकट का प्रबंधन किया
• लाइसेंस राज को समाप्त किया
• विदेशी निवेश के लिए इक्विटी मार्केट खोला
• भारत के परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाया
9. चंद्र शेखर सिंह
कार्यकाल: 10 नवंबर 1990- 21 जून 1991
चंद्र शेखर सिंह के बारे में
श्री चरण सिंह के बाद दूसरा सबसे छोटा कार्यकाल श्री चंद्र शेखर का था, जो कि 7 महीनों से कुछ ही अधिक समय तक चला। वे छोटी उम्र से ही राजनीति के प्रति आकर्षित थे और अपने क्रांतिकारी विचारों के लिए जाने जाते थे। उन्होंने प्रधान मंत्री के पद पर अपने कार्यकाल के दौरान गृह मंत्री का पद भी संभाला। उस समय राजनीतिक अस्थिरता के कारण, वे अधिक योगदान नहीं दे सके |
जन्म स्थान: इब्राहिमपट्टी
योग्यता: B.A, सतीश चंद्र पीजी कॉलेज और राजनीति विज्ञान में M.A, इलाहाबाद विश्वविद्यालय
8. विश्वनाथ प्रताप सिंह
कार्यकाल: 2 दिसंबर 1989- 10 नवंबर 1990
विश्वनाथ प्रताप सिंह के बारे में
भारत के 7वें प्रधान मंत्री, विश्वनाथ प्रताप सिंह ने 10 साल की उम्र से ही अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू कर दी थी। पीएम बनने से पहले, वे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी विभिन्न विभागों को संभाला जैसे कि वाणिज्य मंत्री और वित्त और रक्षा मंत्री। अपने प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान ‘मंडल आयोग’ के कार्यान्वयन के लिए प्रसिद्द श्री वी.पी. सिंह के 11 महीनों का छोटा कार्यकाल दिलचस्प घटनाक्रमों से भरा था।
जन्म स्थान: प्रयागराज
योग्यता: B.SC, पुणे विश्वविद्यालय और B.A, LLB, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से
उनकी अन्य प्रमुख उपलब्धियों में से हैं:
• गृह मंत्री की बेटी के अपहरण सहित कई घरेलू विवादों को संभाला
• भारत के साथ सीमा युद्ध शुरू करने के पाकिस्तान के प्रयास को रोका
• ऑपरेशन ब्लू स्टार के लिए माफी मांगी और पंजाब में उग्रवाद पर अंकुश लगाया
7. राजीव गांधी
कार्यकाल: 31 अक्टूबर 1984- 2 दिसंबर 1989
राजीव गांधी के बारे में
गांधी-नेहरू परिवार के सदस्य, राजीव गांधी इंदिरा गांधी के बेटे थे। अपने भाई, श्री संजय गांधी की एक हवाई जहाज दुर्घटना में मृत्यु के बाद, राजीव गांधी ने राजनीति में प्रवेश करने का फैसला लिया | वे भारत में प्रधान मंत्री पद संभालने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे। एक वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस प्राप्त करने के बाद, राजीव ने इंडियन एयरलाइंस के लिए भी काम किया। एक पीएम के रूप में उन्हें अक्सर भारत की आईटी क्रांति में सबसे अधिक योगदान देने का श्रेय दिया जाता है।
जन्म स्थान: मुंबई, महाराष्ट्र
योग्यता: B.Tech, ट्रिनिटी कॉलेज (ड्राप आउट)
नीचे उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ हैं:
• लाइसेंस राज कम किया
• आर्थिक नीतियों में सुधार
• अमेरिका और रूस दोनों के साथ बेहतर संबंध
• आईटी क्रांति में व्यापक योगदान
6. चरण सिंह
कार्यकाल: 28 जुलाई 1979- 14 जनवरी 1980
चरण सिंह के बारे में
किसानों के चैंपियन के रूप में प्रसिद्द चौधरी चरण सिंह ने कार्यालय को एक संक्षिप्त समय के लिया संभाला | पेशे से वकील, सिंह ने विभिन्न क्षमताओं में उत्तर प्रदेश की सेवा की और उन्हें भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और प्रशासन की अक्षमता के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जाना जाता था। वे यू.पी के भूमि सुधारों में सहायक रहे | वे एक उत्साही पाठक थे और ‘जमींदारी उन्मूलन’ सहित कई पुस्तकों के लेखक भी थे।
जन्म स्थान: हापुड़
योग्यता: B.A LLB और M.A, आगरा विश्वविद्यालय
अपने छोटे कार्यकाल के दौरान उन्होंने निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए:
• भारत के विकास से सम्बंधित नई रणनीतियाँ प्रस्तुत की
• पिछड़े वर्गों के उत्थान के बारे में मुखर रहे
5. मोरारजी देसाई
कार्यकाल: 24 मार्च 1977- 28 जुलाई 1979
मोरारजी देसाई के बारे में
पहले भारतीय पीएम जो कांग्रेस पार्टी से नहीं थे, मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री पद संभालने वाले सबसे बुजुर्ग व्यक्ति थे | एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता कार्यकर्ता, देसाई ने जनता पार्टी द्वारा गठित सरकार का नेतृत्व किया। पीएम के रूप में सेवा करने से पहले, वे 1952 से 1956 तक बॉम्बे राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री रहे |
जन्म स्थान: वलसाड
योग्यता: स्नातक, विल्सन कॉलेज, मुंबई
भारत के प्रधान मंत्री के रूप में, उन्होंने कुछ बड़े सुधार लाए, जैसे:
• 1000, 5000, और 10000 रुपये के नोट की प्रतिबन्धी
• औपचारिक रूप से इंदिरा गांधी द्वारा बुलाए गए आपातकाल की स्थिति को समाप्त कर दिया और मीडिया सेंसरशिप को हटाया
• शांति सक्रियता का समर्थन किया और पाकिस्तान के साथ शांति वार्ता शुरू की
4. इंदिरा गांधी
कार्यकाल: 24 जनवरी 1966 से 24 मार्च 1977; 14 जनवरी 1980 से 31 अक्टूबर 1984
इंदिरा गांधी के बारे में
भारत की आयरन लेडी के रूप में जानी जाने वाली इंदिरा गांधी भारत की एकमात्र महिला प्रधान मंत्री थीं। प्रधान मंत्री बनने से पहले, उन्होंने 1964 से 1966 तक सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में कार्य किया। भारत की पीएम के रूप में कार्य करने के अलावा, उन्होंने परमाणु ऊर्जा मंत्री, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्री सहित विभिन्न विभागों को रखा। भारतीय राजनीति में एक केंद्रीय व्यक्ति, इंदिरा गांधी ने देश में बहुत सारे बदलाव लाए।
जन्म स्थान: प्रयागराज
योग्यता: विश्व-भारती विश्वविद्यालय (ड्रॉप-आउट) और सोमरविले कॉलेज, ऑक्सफोर्ड (ड्रॉप-आउट)
उनकी प्रमुख उपलब्धियां हैं:
• राष्ट्रीयकृत बैंक
• कम हुई बेरोजगारी
• जेंडर के लिए समान वेतन का परिचय दिया
• अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू नीतियों को मजबूत किया
• राष्ट्रीय सुरक्षा में वृद्धि
• 1975 में सिक्किम को एक भारतीय राज्य के रूप में एकीकृत किया
3. लाल बहादुर शास्त्री
कार्यकाल: 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 तक
लाल बहादुर शास्त्री के बारे में
जनता के प्रिय लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री पद सँभालने से पहले रेल मंत्री और गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। अपने दो साल के कार्यकाल में, अपनी दुखद मौत से पहले, उन्होंने कुछ प्रमुख फैसले लिए | 1965 के भारत-पाकिस्तान जंग में सैनिकों और किसानों का हौसला बढ़ने के लिए उनका नारा ‘जय जवान, जय किसान’ बेहद लोकप्रिय रहा |
जन्म स्थान: मुगलसराय
योग्यता: दर्शन और नैतिकता में B.A, विद्यापीठ
उनकी उपलब्धियों में शामिल हैं:
• हरित क्रांति लेकर आये
• डेयरी उद्योग को अधिक उत्पादन करने में मदद किया, जिससे आगे 1970 में ‘ऑपरेशन फ्लड’ की स्थापना हुई
• भारत को परमाणु ऊर्जा का उपयोग करने में मदद की
• ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर सहित अंतर्राष्ट्रीय संबंध बनाए रखा
2. गुलजारीलाल नंदा
कार्यकाल: 27 मई 1964 से 9 जून 1964; 11 जनवरी से 24 जनवरी 1966
गुलजारीलाल नंदा के बारे में
पं. जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद श्री नंदा ने दो महीने तक कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करना। एक राजनेता होने के अलावा, वे एक अर्थशास्त्री थे जिन्होंने श्रम के मुद्दों पर एक शोध विद्वान के रूप में काम किया। उन्होंने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री का पद भी संभाला। अपने संक्षिप्त कार्यकाल में वे शांत नहीं बैठे। इसके बजाय, उसने कई बदलाव किए। बाद में, लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद उन्हें 13 दिनों के लिए फिर से कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।
जन्म स्थान: सियालकोट, पाकिस्तान
योग्यता: लाहौर, आगरा और इलाहाबाद में अध्ययन। श्रम समस्याओं पर अनुसंधान विद्वत्ता, इलाहाबाद विश्वविद्यालय
उनकी उपलब्धियों में शामिल हैं:
• 1962 के भारत-चीन युद्ध और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद की राजनीतिक अस्थिरता को संभाला
• श्रम सुधार लाया
1. जवाहरलाल नेहरू
कार्यकाल: 15 अगस्त 1947 से 27 मई 1964
जवाहरलाल नेहरू के बारे में:
सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे चाचा नेहरू (जैसे कि उन्हें याद किया जाता है) भारतीय राजनीति में आजादी के पहले और बाद में एक केंद्रीय व्यक्ति थे। 14 नवंबर 1889 को जन्मे चाचा नेहरू का महत्वपूर्ण ध्यान देश के औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ाने के लिए था, जिसके लिए उन्होंने 1951 में ‘पंचवर्षीय योजना’ शुरू की थी।
जन्म स्थान: प्रयागराज
योग्यता: प्राकृतिक विज्ञान, ट्रिनिटी कॉलेज
विदेशी मामलों में उनकी गुट-निरपेक्ष नीतियों के अलावा, उनकी अन्य प्रमुख उपलब्धियाँ हैं:
• IIT, IIM, AIMMS आदि जैसे प्रमुख संस्थान स्थापित करे
• कृषि विकास – विशाल भूमि-धारण को समाप्त किया; और सिंचाई परियोजनाएँ बनायीं
• जीडीपी और जीएनपी को 4% बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को ठीक करने में मदद की; वर्ल्ड ट्रेड शेयर में 0.5% की कमी
• जाति आधारित भेदभाव को कम करके सामाजिक बदलावों में मदद किया, महिला अधिकारों आदि के लिए काम किया
• हर बच्चे के लिए प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराई
• भारत को अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक अच्छा तालमेल बनाने और घरेलू संघर्ष को शांत करने में मदद की
तो, यह है देश का इतिहास | आप हमारे देश को आकार देने वाले व्यक्तियों को कितनी अच्छी तरह जानते हैं?
हम आपको इस स्वतंत्रता दिवस 2021 की शुभकामनाएं देते हैं और आशा करते हैं कि आप देश की नीतियों में सक्रिय रूप से रुचि दिखाएंगे। देश के कल्याण तब ही होता है जब उसके नागरिक सक्रिय होते हैं |